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Ayurvedic Treatment of Diabetes in India

  मधुमेह (डायबिटीज) के लिए आयुर्वेदिक उपचार योजना 1. मुख्य औषधियां:    - गुडुची सत्व: 500 मिग्रा सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ    - विजयसार की लकड़ी का काढ़ा: 20 मिली सुबह खाली पेट    - मेथी चूर्ण: 3 ग्राम सुबह गर्म पानी के साथ 2. सहायक योग:    - चंद्रप्रभा वटी: 1 गोली रात को सोने से पहले    - त्रिफला चूर्ण: 5 ग्राम रात को गर्म पानी के साथ    - करेले का रस: 15 मिली प्रातःकाल 3. पंचकर्म चिकित्सा:    - वमन कर्म: हर 15 दिन में एक बार (विशेषज्ञ की देखरेख में)    - विरेचन कर्म: महीने में एक बार    - उद्वर्तन: हर्बल पाउडर से साप्ताहिक मालिश 4. आहार विधान:    - सुबह: जौ का दलिया या चने की रोटी    - दोपहर: बाजरे की रोटी, हरी पत्तेदार सब्जियां    - रात: मूंग दाल की खिचड़ी    - परहेज: चीनी, मैदा, तले पदार्थ, अधिक मीठे फल 5. जीवनशैली:    - प्रातः 30 मिनट पैदल चलना    - योगासन: पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन, कपालभाति    - दिन में न सोएं ...

डायबिटीज (मधुमेह) (प्रमेह) के कारण ( Reason of Diabetes)

चरक संहिता के अनुसार डायबिटीज (प्रमेह) के कारण चरक संहिता में डायबिटीज (प्रमेह) को एक मूत्र दोष संबंधी विकार माना गया है, जिसका मूल कारण दोष असंतुलन (विशेषकर कफ दोष) और धातु विकृति (मेद धातु का दूषित होना) है। प्रमुख कारण (चरक संहिता चिकित्सा स्थान 6/4 के अनुसार): 1. आहार संबंधी कारण:    - अत्यधिक मधुर (मीठा), स्निग्ध (चिकना), गुरु (भारी) भोजन का सेवन    - अधिक दूध, घी, तेल, नवीन अन्न (ताजा अनाज), गुड़ व मिठाईयाँ खाना    - आयुर्वेद के अनुसार:      "गुरुमधुरस्निग्धशीताल्पव्यायामश्रमादिभिः।      प्रमेहाः कफजाः षट्..." 2. जीवनशैली संबंधी कारण:    - शारीरिक निष्क्रियता (आलस्य) व व्यायाम की कमी    - दिन में सोना (दिवास्वप्न)    - अत्यधिक निद्रा (सुस्ती) 3. शारीरिक व मानसिक कारण:    - मेद धातु (वसा) का असंतुलन    - कफ दोष का प्रकोप    - तनाव व मानसिक असंतुलन 4. अनुवांशिक प्रभाव:    - चरक ने बीज दोष (आनुवंशिक कारक) को भी डायबिटीज का एक कारण माना है। चरक संहिता के अन...